प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं मिलते। इलाज के लिए बालाघाट या गोंदिया (महाराष्ट्र) जाना पड़ता है। 44 वर्षीय वीरेन्द्र सिंह ने कृषि उपज मंडी नहीं होने से किसानों को परेशानी की बात कही। राजेश अहेरकर का कहना था, जनता महंगाई से त्रस्त है। खाद्य पदार्थ से लेकर रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। आमदानी कम और खर्चा ज्यादा हो रहा है। इसके बाद मुख्य मार्ग से होते हुए लिंगा पहुंचे तो चाय की दुकान पर चौपाल लगी मिली। बसंत बोपचे, रेखचंद पांजरे, कारुलाल ढांडे चुनाव पर चर्चा कर रहे थे। सुशील शुक्ला ने बताया कि नल-जल योजना को शुुरू हुए एक साल से ज्यादा हो गया है। लेकिन, पानी नहीं मिल रहा। पुरानी योजना से ही जलापूर्ति हो रही है। यहां से हम बोरी गांव पहुंचे। रास्ते में मिले राजू कोल्ते ने परसवाड़ा और बोरी-कटंगी के बीच घिसर्री नदी में पुल की समस्या बताई। वर्षों से मांग के बाद भी यहां पुल नहीं बन पाया है।
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मनरेगा में तीन चार महीने बाद भुगतान
हम बाइक से मोहगांव खुर्द पहुंचे। एक दुकान पर नारायण राठौर (62), केवल प्रसाद बिसेन और कुंजीलाल तरवरे चर्चा कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना था कि अंदरूनी गांवों में सड़क नहीं होने से रोजगार पर असर पड़ता है। मनरेगा में कार्य करते हैं तो तीन-चार माह भुगतान नहीं मिलता। गांव के स्कूल में शिक्षकों की कमी है। गांव में रोजगार के साधन नहीं है। करीब 300 शिक्षित युवा हैदराबाद जाते हैं।
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लांजी में ये हाल
लांजी विधानसभा क्षेत्र के डूंडासिवनी गांव में मेहतरलाल पांचे (82) ने पीएम किसान सम्मान निधि नहीं मिलने का दुखड़ा रोया। वृद्धावस्था पेेंशन नियमित मिलने की बात कही। भुवनेश्वर गौतम (57) ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के साधन नहीं होने की बात बताई। महेश मरठे (40) ने नहर होने के बाद भी समय पर पानी नहीं मिलने की समस्या बताई।